बड़ी खबर : Home-Car Loan नहीं होगा सस्ता, RBI ने ग्रोथ की चाल पर तसल्ली जताई
Home Loan या Car Loan के रेट पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि RBI ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दरों में छेड़छाड़ नहीं करने का ऐलान किया है.
रेपो रेट 4% पर बरकरार रखने की बात कही. (Reuters)
रेपो रेट 4% पर बरकरार रखने की बात कही. (Reuters)
Home Loan या Car Loan के रेट पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि RBI ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दरों में छेड़छाड़ नहीं करने का ऐलान किया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक के बाद रेपो रेट 4% पर बरकरार रखने की बात कही.
RBI के गवर्नर शक्तिकांता दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रिवर्स रेपो रेट भी 3.35% पर बरकरार है. RBI ने एकोमोडेटिव रुख बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि ग्रोथ आउटलुक में तेजी से सुधार दिखा है.
पॉलिसी की खास बातें
- ग्रोथ आउटलुक में तेजी से सुधार दिखा
- ग्रोथ को सपोर्ट करना समय की मांग
- 2021 में अर्थव्यवस्था के एक नए युग की शुरुआत
- घरेलू कारोबार में तेजी से सुधार
- घरों की बिक्री से भरोसा बढ़ा
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तीन बार नहीं बदली है ब्याज दर
पहले हुई मौद्रिक नीति (Monetary policy) की समीक्षा के बाद प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट (repo rate) 4 फीसदी पर स्थिर रखा था. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बनी हुई है. Repo रेट वह ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक SBI समेत दूसरे बैंकों को कम समय के लिए कर्ज देता है. अगर इसमें कटौती होती तो बैंकों को RBI को कम ब्याज देना होता, जैसे बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज देने के बाद ब्याज emi के रूप में वसूलते हैं. कटौती होती तो इसका असर आपकी emi पर भी पड़ता.
इसके उलट अगर रिजर्व बैंक Repo rate बढ़ाता तो बैंकों के लिए उसे कर्ज लेना महंगा हो जाता. इससे Home loan, Car loan और दूसरे लोन की ब्याज दर बढ़ जाती. हालांकि यह तभी होता है जब बाजार में डिमांड अच्छी हो. कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण इस समय मार्केट में वैसे ही लोन की डिमांड डाउन चल रही है. इसलिए RBI इसे स्थिर रखे है.
वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर है जो RBI बैंकों को ब्याज के तौर पर देता है. बैंक अपनी रकम रिजर्व बैंक के पास रखते हैं. इस पर RBI उन्हें ब्याज देता है. बाजार में लिक्विडिटी बढ़ने पर RBI इस रेट में फेरबदल करता है ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए बड़ी रकम उसके पास गिरवी रखें.
इन दो दरों के बाद कैश रिजर्व रेशियो (CRR) का अहम रोल है. यह सीधे तौर पर ग्राहकों की emi से जुड़ी है. बैंक को कुल कैश रिजर्व का एक हिस्सा रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है. इस रकम को मुसीबत के वक्त के लिए रखा जाता है. बैंक के साथ दिक्कत पर इसका इस्तेमाल होता है. अगर यह बढ़ता है तो बैंकों को ज्यादा बड़ी रकम रिजर्व बैंक में रखनी होगी. इससे वह कर्ज कम बांट पाएंगे.
10:21 AM IST